Sunday, November 29, 2009

तुम्हें आभास तो होगा किया मानस में जो अर्चन .तुम्हारी आहट को व्याकुल मेरा छन छन है अंतर्मन . लालिमा तेरे अधरों की अमित गीतों की है सरगम . प्रियतमे तुमसे ही अनुराग में होता है सब सृजन . गीत लेखक -अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव सीतापुर उत्तर प्रदेश भारत

No comments: